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Indian Constitution day 2023: विज्ञान भवन में मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति जगदीप धनगण द्वारा मनाया गया Samvidhan Divas…

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Indian constitution दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है,जिसे 26 November 1949 को अपनाया गया था। तथा 26 January 1950 को पूरे देश में लागू कर दिया गया। इसे अमेरिकी संविधान से प्रेरित माना जाता है। संविधान देश का सर्वोच्च कानून है, जिसकी प्रस्तावना कहती है की संविधान की सारी शक्ति जनता में निहित है।

संविधान की प्रस्तावना

भारतीय संविधान की प्रस्तावना को पूरी दुनिया में सर्वोच्च माना गया है।जो बताती है कि संविधान की सारी शक्ति भारत देश की जनता में निहित है, संविधान की प्रस्तावना कुछ इस प्रकार है।

हम, भारत के लोग, भारत को एक सम्पूर्ण प्रभुत्व -संपन्न समाजवादी, पंथनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य बनाने के लिए, तथा उसके समस्त नागरिकों को :

सामाजिक, आर्थिक और राजनैतिक न्याय,

विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म

और उपासना की स्वतंत्रता,

प्रतिष्ठा और अवसर की समता,

प्राप्त करने के लिए,

तथा उन सब में

व्यक्ति की गरिमा और राष्ट्र की एकता

और अखंडता सुनिश्चित करने वाली बंधुता

बड़ाने के लिए।

दृढसंकल्प होकर अपनी इस संविधान सभा में आज तारीख 26 नवंबर 1949 ई. (मिति मार्गशीर्ष शुक्ल सप्तमी, संवत दो हजार छह विक्रमी) को एतद़ द्वारा इस संविधान को अंगीकृत अधिनियमित और आत्मर्पित करते हैं।

मूल संविधान के महत्वपूर्ण तथ्य:

  1. मूल संविधान में 395 अनुच्छेद, 22 भाग, 12 अनुसूचियां थी।
  2. भारतीय संविधान पूरी तरह हस्तलिखित है,जिसमे हर पन्ने पर खूबसूरत डिजायन है।
  3. नंदलाल बोस द्वारा पन्नो का डिजायन तैयार किया गया है
  4. प्रेम बिहारी रायजादा द्वारा पूरे संविधान को हाथो के द्वारा लिखा गया है।
  5. मूल संविधान को विशेष प्रकार के कागज पर लिखा गया था। जो 1000 वर्षो तक सुरक्षित रह सकता है।
  6. मूल संविधान का वजन 3.75 किलोग्राम था।

भारतीय संविधान के संस्थापक:

  • डॉ. राजेंद्र प्रसाद संविधान सभा के पहले अध्यक्ष थे जो बाद में स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति बने।
  • डॉ. बीआर अंबेडकर ‘संविधान के जनक’ के रूप में जाने जाते हैं, उन्होंने संविधान लिखने वाली प्रारूप समिति का नेतृत्व किया।
  • सरदार वल्लभभाई पटेल उन्होंने 500 से अधिक रियासतों को भारत में एकजुट करने में मदद की।
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